Mahakaleshwar Temple Ujjain: महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है यह मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों विषद वर्णन किया गया है, कालिदास से शुरू करते हुए कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से वर्णन किया है, ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में राजा भद्रसेन ने करवाया था, यह मंदिर भगवन शिव को समर्पित है श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग देश का एकलौता दक्षिणी मुखी ज्योतिर्लिंग है यहाँ भगवन शिव भक्तो को कालो के काल महा काल के रूप में दर्शन देते है
महाकाल मंदिर से कई प्राचीन परम्पराएँ और रहस्य है अवंतिकापुर के राजा विक्रम आदित्य कालो कालो के काल महाकाल बहुत बड़े भक्त थे उनके आशीर्वाद से वो यहाँ 132 साल तक शाशन किये थे कहा जाता है दिल्ली के सुल्तान इल्तुत्मिस ने 1235 ई उज्जैन के मंदिर पर आक्रमण कर मंदिर को ध्वस्थ कर दिया था
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में स्थित संभु ज्योतिर्लिंग को आक्रम्कारी से बचाकर पास के कुँए में 550 सालो तक छुपा दिया था इस मंदिर का पुनर्निमाण कर राजाओं ने अपने-अपने शासन काल में करवाया
- रनोंजी राव-सिंधिया ने 1732 में उज्जैन फिर से मंदिर का निर्माण कराकर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी
- विक्रमादित्य ने कई प्रकार के प्रतिमाओ का निर्माण करवाया था
- राजा भोज ने देश के कई मंदिरों निर्मद करवाया उन्होंने मंदिर के शिखर को और ऊँचा करवाया था
- राजा जयसिंह द्वीतीय ने 1280 महाकाल के शिखर पर शिलालेख में सोने की परत चढवाई थी उन्होंने ने काफी तीर्थ स्थलों का निर्माण भी करवाया था
- रणतम्भौर के राजा हमीर शिप्रा ने मदिर की जिर्ण-शीर्ण अवस्था को देखकर उसका विस्तार करवाया था
- मेवाड़ के राजा जगत सिंह ने उज्जैन की तीर्थ यात्रा की और यहाँ कई निर्माण करवाया था
Mahakaleshwar Temple Ujjain यहाँ कैसे पहुंचा जाए-
- उजैन में अभी कोई हवाई अड्डा नहीं है यहाँ पहुचने के लिए निकटम हवाई अड्डे इन्दोर और भोपाल हवाई अड्डा है
- इन्दोर में स्थित देवी अहिल्या हवाई अड्डा उज्जैन से लगभग 56 km है
- उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर की दुरी केवल 2 km है
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